Monday 6 July 2020

बदलते दौर

बहुत बुरे हादसे से अभी-अभी गुजरा है टफी, परसों ही स्टीचेस खुले हैं। उसके घावों ने बहुत गहरे घाव दिए मन को।
ये लगाव इतना गहरा होता है कि उसकी तकलीफ में मैं कितना रोई थी ये तो मैं बता सकती हूँ, पर जब मैं बीमार होती हूँ, अपसेट होती हूँ तो ये बेजुबान होकर भी सब कुछ कह जाते हैं।
मैं बीमार हूँ कल से, मुझे नींद से जगाए बिना अपनी फिक्र का एहसास इस तरह दिला जाते हैं ये बच्चे कि लगता है इनके बिना हम अधूरे हैं और इनके साथ हम कभी अकेलेपन का शिकार नहीं हो सकते।
Tuffy अब धीरे-धीरे ठीक हो रहा है,🙏🏻 और यकीनन मैं भी मौसम ठीक होते ही ठीक हो ही जाउंगी। 
सच बहुत तकलीफ देते हैं बदलते हुए मौसम और बदलते हुए लोग😭।

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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