Wednesday 8 July 2020

ओ इच्छा!


तुम लता सी हो
जो मेरे ही इर्दगिर्द लिपटकर
मेरी ही शोषक बनकर
बढ़ती जा रही हो
मेरी जड़ों को खोखला करने की 
तुम्हारी व्यर्थ की साजिशें
एक ही पल में 
अस्तित्वहीन हो जाएंगी
जरुरत थी
तो मुझे अंदर से 
खुद को मजबूत करने की,
जो मैंने कर दिखाया
अब नहीं होगा संभव
फिर से तुम्हारा 
मुझमें जागकर मुझे मरना!

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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