सोने का पिंजरा
बचपन सोने के पिंजरे में गुजरा सोनाली का सारे सुखों के साथ सारे नियम और बंधनो के साथ।
विवाह करके सोनाली एक पिंजरे से दूसरे पिंजरे में आ गई जिसमें दायित्व थे अधिकार नहीं।
लगातार तीन बेटियों के जन्म के बाद सामाजिक और पारिवारिक कष्टों ने निरीह बना दिया।
हॉस्पिटल के आपातकालीन चिकित्सा कक्ष में कैंसर से जूझती सोनाली ने इच्छामृत्यु की कामना से खुद ही वेंटिलेटर बंद करवाकर आज मुक्ति पा ली।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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