Friday 10 April 2020

तुम्हारी फ़िक्र होती है

क्या हुआ जो दूर हूँ
क्या हुआ जो मजबूर हूँ
लब कुछ कहे न कहे
आँखें नम होती है
मेरी प्रार्थना में एक अर्जी
तुम्हारी कुशलता की होती है
इंसानियत के नाते 
तुम्हारी फ़िक्र होती है

#डॉप्रीतिसमकितसुराना

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