जिसको जो करना था
कर के चला गया
जो नियति में लिखा था
वक्त ने पूरा किया
किसी से बैर नहीं मुझको
जो होना तय है होगा ही
मैं खुश हूँ
और
आज भी जमीन पर चलती हूँ
मुझे नहीं है कोई कामना
हवा में उड़ने की
बस मेरे हिस्से का आसमान
जमीन से दिखता रहे।
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
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