दशो दिशाएँ में व्याप्त नौ रसों
और आठ कर्मो से जीवन को
सात इनधनुषी रंगों में रंगते
षट धर्म का पालन करते हुए
पंच तत्वों से बने शरीर और मन से
दिन के चारों पहर
तिरंगे के तीन रंगो से प्रेम करते
हम दोनों
जाने कितने जतन से हुए एक
अब
खट्टे मीठे अनुभवों से भरी
खट्टी मीठी जिन्दगी
एक होकर
जीना है कभी जुदा न होने के
वादे के साथ-साथ!
#डॉप्रीतिसमकितसुराना
0 comments:
Post a Comment