कठिन समय है कठिन तपस्या
पर
समझना होगा सभी को
खास बनने के लिए
हीरे को कटना पड़ता है
सोने-चांदी को गलना पड़ता है
लोहे को अपनों के हाथों ही पिटना पड़ता है
जब जाकर शक्ल लेते हैं ये सब
कोहिनूर, आभूषण या किसी सुंदर पात्र के,..
हे दुर्गा!
तुम दुर्गा यूँही नहीं बनी
ये तप और तपस्या का परिणाम है
कि सृष्टि की रक्षा के लिए
स्वयं त्रिदेव
और दैवीय शक्तियों ने तुम्हे गढ़ा है,..!
शत-शत नमन,कोटिशः वंदन🙏🏼
हिन्दू नववर्ष की
सभी को ढेर सारी बधाइयाँ
नववर्ष सारी परीक्षाओं के
सुखद परिणाम लेकर आए।
डॉ प्रीति समकित सुराना
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