Tuesday, 24 March 2020

तुम्हें मालूम है

#हाँ!
मैं हँसती हूँ
मुस्कुराती हूँ
गुनगुनाती हूँ
चुपके से 
आँसू भी बहा लेती हूँ
सह लेती हूँ
जो हुआ
जो हो रहा है
सह लूँगी
जो होगा
चुप हूँ 
कुछ न कहने को वचनबद्ध
पर तुम्हें मालूम है
मुझे तुम बिन जीना नहीं आता

#डॉ प्रीति समकित सुराना

0 comments:

Post a Comment