Thursday, 12 March 2020

रंग लगाकर चला गया

#बैठी थी 
सागर किनारे
तुम्हारी यादों में 
गुम सी
अभी-अभी 
एक हवा का झोंका
आया
और
रंग लगाकर चला गया
लगता है
इन हवाओं को
बहकाया है किसी ने
सुनो!
ये शरारत
तुम्हारी तो नहीं???

#डॉ प्रीति समकित सुराना

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