Tuesday, 4 February 2020

सपने अपनों के



जब मन में भाव शब्दों का आकार लेते हैं
कागज कलम दवात का वो आधार लेते हैं
दिल से कोशिश हो जब उनको पूरा करने की
*सपने* अपनों के तब जाकर साकार होते हैं

प्रीति सुराना

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