'संस्कृति सारथी सम्मान'
प्यार, परिवार, पारितोषक मुझे सब कुछ तो मिल गया,
इतना दिया है जिंदगी ने कि कुछ खो गया तो खो गया,
संस्कृति, सभ्यता और संस्कार की सारथी मैं बन सकूँ,
'संस्कृति सारथी सम्मान' पाकर दायित्व दुगना हो गया
डॉ प्रीति समकित सुराना
संस्थापक
अन्तरा शब्दशक्ति
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