बीत रहे साल के साथ
बीत गए अनगिनत खुशनुमा पल
पर मैंने
सहेज रखा है अपनी स्मृतियों के पिटारे में
याद रखना सभी अपनों
हम सब साथ साथ
थे
है
रहेंगे
क्योंकि जो अपने होते हैं
वो
बुरे दिनों को नहीं
अच्छे समय को याद रखकर
जुड़े रहने का सबब ढूंढ लेते हैं।
वादा सभी अपनों से
गए साल में हुई गलतियों से सीखकर
आने वाला साल बेहतर बनाउंगी।
गए साल में मिली खुशियाँ, अपनापन, प्यार
तमाम उम्र नहीं भुलाऊंगी
आप भी मत भूलियेगा
हम सब साथ-साथ।
डॉ प्रीति समकित सुराना
संस्थापक
अन्तरा शब्दशक्ति
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