#कोरी, प्यारी, सुंदर सी किताब लीजिये
स्याही न मिले तो फिर खिजाब लीजिये
घोलने को आंसुओं का सैलाब लीजिये
खुद से कुछ सवालों के जवाब लीजिये
गलत किया हो कुछ तो हिजाब लीजिये
कोई गर्व की हो बात तो खिताब लीजिये
मौका दिया है वक्त ने कुछ करने का आज
तो बैठकर अपने किये का हिसाब कीजिये
#प्रीति सुराना
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 21 फरवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वाह!!!
ReplyDeleteसबसे पहले यही जरूरी है दूसरों का नहीं अपने किये का हिसाब लिया जाय...
बहुत ही सुन्दर।