Tuesday, 4 February 2020

सबसे छुपाकर...!



कुछ चीजें रखती हूँ तकिये में दबाकर
कुछ बातें  रखती हूँ दिल  में  बसाकर
आँसू , दर्द, कुछ टूटे सपने
मेरे  हैं  और  मेरे  ही  रहेंगे
जो मेरा है रखती हूँ सबसे छुपाकर,..!

प्रीति सुराना

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