Friday 28 February 2020

अधिवर्ष/लीप वर्ष क्या है?

अधिवर्ष/लीप वर्ष हर चार वर्ष बाद आने वाला वर्ष अधिवर्ष/लीप वर्ष या अधिवर्ष कहलाता है । अधिवर्ष/लीप वर्ष में 365 के स्थान पर 366 दिन होते हैं अर्थात एक दिन अधिक होता है।

पृथ्वी को सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और लगभग 6 घंटे लगते हैं । इस कारण से प्रत्येक चार वर्ष में एक दिन अधिक हो जाता है, अतः प्रत्येक चार वर्ष बाद  फ़रवरी  माह में एक दिन अतिरिक्त जोड़ कर संतुलन बनाया जाता है।

वैसे फरवरी महीने में 28 दिन होते है लेकिन अधिवर्ष/लीप वर्ष में फरवरी माह में 29 दिन होते है।

लेकिन अधिवर्ष/लीप वर्ष क्या है और किन नियमों के आधार पर इसका निर्धारण किया जाता है, शताब्दी वर्ष लीप साल क्यों नहीं होता ऐसे ही कुछ प्रश्नों के जवाब हम इस आलेख में जान सकते हैं।

क्या होता है अधिवर्ष/लीप वर्ष?

लीप साल में 366 दिन होते है जबकि वैसे हर साल में 365 दिन होते है,हर चौथा साल ऐसा साल होता है।
जिसमे साल के दिनों में एक दिन बढ़ जाता है, जिस साल में 366 दिन होते है उसे लीप वर्ष कहते है।
मुख्य रूप से अधिवर्ष/लीप वर्ष में फरवरी महीने में 29 दिन होते है जबकि दूसरे सालो में फरवरी केवल 28 दिन की होती है।

क्यों होता है चार साल में एक दिन अधिक?

अतिरिक्त/लीप दिन हर चार साल में एक बार आता है क्योकि पृथ्वी सूरज के चारो ओर चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे लेती है, वैसे साल 365 दिनों का होता है और ये अतिरिक्त 6 घंटे हर चौथे साल में जुड़कर एक पूरा दिन बना देता है। इसलिए लीप दिन या लीप साल हर चौथे साल आता है।

पृथ्वी और सूर्य
लीप वर्ष का अतिरिक्त दिन 29 फ़रवरी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रकृति द्वारा सौर मंडल और इसके नियमों से आता है।
यह धरती के सूर्य की परिक्रमा करने से जुड़ा हुआ है। पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365.242 दिन लगते हैं अर्थात एक कैलेंडर वर्ष से चौथाई दिन अधिक।
अतः प्रत्येक चौथे वर्ष कैलेंडर में एक दिन अतिरिक्त जोड़ना पड़ता है। इस बढ़े दिन वाले साल को लीप वर्ष या अधिवर्ष कहते हैं। ये अतिरिक्त दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर में अधिवर्ष/लीप वर्ष का 60वाँ दिन बनता है अर्थात 29फ़रवरी।
यदि 29 फ़रवरी की व्यवस्था न हो तो हम प्रत्येक वर्ष प्रकृति के कैलेंडर से लगभग छह घंटे आगे निकल जाएँगे, यानि एक सदी में 24 दिन आगे।
यदि ऐसा होता तो मौसम को महीने से जोड़ कर रखना मुश्किल हो जाता। यदि लीप वर्ष की व्यवस्था ख़त्म कर दें तो आजकल जिसे मई-जून की सड़ी हुई गर्मी कहते हैं वैसी स्थिति 500 साल बाद दिसंबर में आएगी।

अधिवर्ष/लीप वर्ष के नियम

कैसे पता किया जाता है कोई वर्ष अधिवर्ष/लीप वर्ष है या नहीं, किसी वर्ष को लीप वर्ष होने के लिए उसे दो बातों को पूरा करना होता है।
पहली बात साल को चार से भाग किया जा सकता हो जैसे वर्ष 2008 को 4 से भाग किया जा सकता है. इसी प्रकार 2012, 2016, 2020 भी चार से भाज्य है।
दूसरी बात यदि कोई वर्ष 100 से विभाजित हो जाए तो वो लीप वर्ष नहीं है, लेकिन यदि वही साल पूरी तरह से 400 से विभाजित हो जाये तो वो लीप वर्ष है जैसे 1300 सौ से तो विभाजित हो जाता है। लेकिन चार सौ से पूरी तरह से विभाजित नहीं है लेकिन 2000 सौ से विभाजित होता है लेकिन यह 400 से पूरी तरह से विभाजित होता है अत: यह अधिवर्ष/लीप वर्ष है।

लीप वर्ष में 366 दिन क्यों होते है?

लीप साल में 366 दिन इसलिये होते है क्योकि  विश्व में जोर्जियन कैलेंडर का पालन किया जाता है और इसके सही तरीके से कामकाज को बनाये रखने के लिए हर साल में एक दिन जोड़ना आवश्यक होता है।
अगर हम हर चौथे साल लीप साल नहीं जोड़ेंगे तो हम प्रकृति के कैलेंडर से हर साल 6 घंटे आगे निकल जायेंगे और अगर ऐसा होगा तो हम मौसम को महीने से जोड़कर नहीं देख पायेंगे यानि कि  जो गर्मी मई और जून के महीने में पड़ती है वह अगले 500 सालो बाद दिसंबर के महीने में आयेगी।

हर शताब्दी अधिवर्ष/लीप वर्ष क्यों नहीं होती?

गिग्लियो ने 16वी सदी में ये सिद्ध किया कि यदि प्रकृति की घड़ी के साथ साथ चलना है तो हर चौथे वर्ष एक दिन जोड़ने की व्यवस्था में कुछ अपवाद रखने होंगे।
उसने कहा कि कोई वर्ष जो कि 4 से विभाजित होता हो, तो वह साल लीप साल होगा जिसमे फरवरी 29 दिन का होगा।
लेकिन यदि 4 से विभाजित साल 100 से भी विभाजित होता है तो वह लीप वर्ष नहीं होगा।
इसके साथ गिग्लियो ने एक ओर बताई कि 4 और 100 से विभाजित होने वाला वर्ष यदि 400 से भी विभाजित होता हो तो उसे लीप वर्ष माना जाए. इसीलिए 1700, 1800 और 1900 जहाँ सामान्य वर्ष माना गया, वहीं 2000 को अधिवर्ष/लीप वर्ष माना जाता है।
शताब्दी साल लीप वर्ष नहीं होते क्योकि हर चार सालो में एक दिन जोड़कर हम सौ साल के काल में काफी ज्यादा जोड़ देते है क्योकि वास्तव में पृथ्वी सूर्य की प्रक्रिमा 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 45 सेकंड में पूरी करता है।
तो जब हर चार साल में एक दिन जोड़ा जाता है तब हम एक छोटे से अंतर से अधिक सही संशोधन करते है।

इसलिए हर सौवे साल पर हम एक दिन साल में से हटा देते है, इसी कारण शताब्दी साल जैसे 1700, 1800, 1900, 2100 आदि शताब्दी साल लीप साल नहीं माने जाते।

तो इस प्रकार आप जान ही गए होंगे कि लीप साल हर चार साल में एक बार आता है, लेकिन जरा सोचिये की अगर किसी का जन्म लीप दिन पर हो जाये तो।  हालाँकि इसकी संभावना बहुत कम होती है की कोई लीप दिन पर पैदा हो जाये लेकिन-

29 फरवरी को मशहूर हस्तियां पैदा हुई हैं-

सभी जानते हैं कि 29 फरवरी को जन्मे लोगों के लिए यह दिन अत्यधिक रोमांचित करने वाला होता है क्योंकि उन्हें चार साल के लंबे इंतजार के बाद यह दिन नसीब होता है। विश्व में कई जानी-मानी हस्तियां है जिनका जन्म 29 फरवरी को हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री मोराजी देसाई का जन्म 29 फरवरी 1896 को हुआ था।

ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया राज्य के पूर्व शीर्ष नेता सर जेम्स विल्सन का जन्म भी 29 फरवरी 1812 को हुआ था। यह विचित्र संयोग है कि उनका निधन भी 29 फरवरी को ही 1880 में हुआ था।
संभवत: विल्सन पहली शख्सियत हैं जिनका जन्म और निधन दोनों ही 29 फरवरी को हुआ।

29 फरवरी को जन्म लेने वाले मशहूर अभिनेता या अभिनेत्रियों में भारतीय अभिनेत्री वर्षा उसगांवकार, डैनिस फैरिना जारूल, केन फोरे, शॉल विलियम्स, फिलिस फ्रेलिस (अमेरिका), ऎलैक्स रौको, एंटोनियो सबैटो जूनियर इटली, फ्रैंक वुडले, जोनाथन कोलमैन ऑस्ट्रेलिया, जॉस ऑकलैंड, वेंडी पीटर्स इंग्लैंड, नॉको इलिजीमा जापान, मिशेल मार्गन, फ्रांस शामिल है।

विश्व में कई जानी माने खिलाडी है जिन्होंने 29 फरवरी को जन्म लिया है। ऎसी ही कुछ महत्वपूर्ण हस्तियों में कई हॉकी खिलाडी है। इनमें एडम सिंक्लेयर, कनाडा के खिलाडी कैम वार्ड, हेनरी रिचर्ड, लैडन बायर्स, सिमौन गैगने, बॉबी सैनग्यूनएटी, अमेरिका शामिल है।

फुटबॉल खेलने वाले कई ऎसे खिलाडी हैं जिनका जन्म भी 29 फरवरी का है। इनमें ब्राइस पौप अमेरिका, बेनेडिक्ट होउडेस जर्मनी, डैरेन एम्ब्राज स्कॉट गॉल बाउन, ब्रिटिश खिल़ाडी क्लिंटन टुपी न्यूजीलैंड आदि। धर्मगुरू पोप पॉल-3 का जन्म भी वर्ष 1468 में इसी दिन हुआ था।

कई जानी-मानी शख्सियत हैं जिनका जन्म 29 फरवरी को हुआ था। इनमें अल रोसेन बेसबॉल खिलाडी, सीएच रोमेरो अल सलेवेडोर के राष्ट्रपति, क्रिस कोनेली अमेरिकी संगीतकार, डैनिस वाल्गर जर्मन रग्बी खिलाडी, जेरी फ्राई अमेरिकन बेसबॉल खिलाडी, जीरो आकागावा जापानी उपन्यासकार, मर्वेन वारेन अमेरिकी संगीतकार, टेलर वेलमैन अमेरिकी फुटबॉल खिलाडी और टैरेन्स लांग अमेरिकी बेसबॉल खिलाडी शामिल हैं।
ज्ञात रहे, चार से पूरी तरह विभाज्य वर्ष में फरवरी 29 दिन की होती है। इसे लीप ईयर यानी अधिवर्ष कहा जाता है। सन् 2020 भी लीप ईयर है। लीप ईयर में 366 दिन होते हैं।

माना जाता है पराक्रमी होते हैं लीप वार्ड में पैदा होने वाले बच्चे...

हिन्दी पंचांग में ऎसी कोई तिथि नहीं होती जो चार साल में एक बार आए, इसलिए 29 फरवरी को पैदा होने वाले अपना जन्मदिन हर साल उस तारीख को पड़ने वाले हिन्दू माह की तिथि को मना लेते हैं। इससे पहले 2016 में 29 फरवरी आई थी। बच्चा इस संबंध में भले ही कुछ न जानता हो, लेकिन माता-पिता इस तारीख पर विशेष खुशी मनाएंगे।

संकलनकर्ता
डॉ प्रीति समकित सुराना
संस्थापक 
अन्तरा शब्दशक्ति

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