द्वार पर रंगोली बनाई
कुमकुम और रोली भी मंगाई
प्यारी बहू के स्वागत में
दुआओं की पूरी थाल सजाई,..
जैसे-जैसे नजदीक आ रही
दिन और घड़ियां शादी की
ढोल मंजीरे गाजेबाजों से
महफ़िल में रौनक है बुलाई,..
इंतजार अब उन लम्हों का है
आँगन में जब महकेगी खुशियाँ
खुश रहे संग परिवार हमारा
यह मन्नत प्रभु से आज मनाई,..
आएगी जब पायल अपने घर
बेटी जैसा दुलार करेंगे
उसकी हर आस करेंगे पूरी
अरमानों की डोली है सजाई,..!
डॉ. प्रीति सुराना
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