Thursday 2 January 2020

तेरे सिवा



जेहन में नाम नहीं आता कोई तेरे सिवा
ऐसे साथ नहीं निभाता कोई तेरे सिवा

करती हूँ कोशिशें कि संभालूं खुद को
पर हौसला नहीं बढ़ाता कोई तेरे सिवा

करती हूँ लेखा-जोखा जब बीते लम्हों का
नहीं मिलता किसी का खाता कोई तेरे सिवा

पूछती हूँ सबसे खूबी और कमियाँ अपनी,
सच-सच नहीं बताता कोई तेरे सिवा

जीने की बात तो सभी करते हैं 'प्रीत'
मुझमें ख़्वाहिश नहीं जगाता कोई तेरे सिवा

प्रीति सुराना

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