Monday, 9 December 2019

यादों के पिटारे में

खुशी का हर लम्हा 
समेटती हूँ 
यादों के पिटारे में
ताकि ये इतना भर जाए
कि
गमों को ठहरने की
जगह ही न मिले
आखिर
ये तय है
जिंदगी न मिलेगी दोबारा
और
न मिलेंगे ये लम्हे 
क्योंकि
गया वक्त लौटता नहीं है,... प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment