Saturday 9 November 2019

सनद रहे

सनद रहे

तमाम गवाहों और सबूतों को
मद्देनज़र रखते हुए
होते हैं फैसले
पर ध्यान रहे
दोनों ही पक्ष
जिंदगी का हिस्सा होते हैं
सिक्के के दो पहलुओं की तरह!
किसी ने कहा था कानून अँधा होता है 
उसे चाहिए सबूत!
तो सनद रहे
मेरे लिए सुनाया गया
हर फैसला
उन तमाम सबूतों और गवाहों की
पुख़्ता जाँच के ऊपर निर्भर होगा
जो रचे गए या बनाए गए 
या फिर
अफवाहों के रूप में फैलाए गए।
सबसे बड़ी अदालत 
आखरी फैसला
कभी काली पट्टी बंधी आँखों से नहीं करती
उसे होता है अंतिम अधिकार 
विवेक के उपयोग का,..!
नीर-क्षीर का विवेक सबके पास नहीं होता
ऊपर वाले की अदालत में देर है अंधेर नहीं!

प्रीति सुराना

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