परम आदरणीय Ashutosh Rana जी
आपसे मिलना,....!
एक सपने के पूरे होने की खुशी दे गया
आपसे मिलना,
सकारात्मकता लिए सतत चलने की प्रेरणा दे गया
आपसे मिलना,
जिंदगी के अनमोल पल दिये हैं आपने
अपनत्व से भरपूर,
पुण्य का प्रतिफल या मंदिर के प्रसाद सा लगा
आपसे मिलना।
शब्दों में अभिव्यक्त कर न सकूँ वो अनुभूति, सखा भाव से श्याम के दर्शन सरीखा, गुरु की कृपा के बरसने जैसा, अपने बड़ों का हाथ सिर पर छत्रछाया जैसा, शबरी की राम से मिलने की प्रतिक्षा जैसा,... न जाने एक साथ कितने भाव मन में आते-जाते रहे।
सात साल में कितने अवसर मिले आपसे मिलने के पर सौभाग्य अपने समय पर ही फलीभूत होता है।
आपसे हुई एक-एक बात अक्षरशः याद है पर लिखकर साझा करने की इच्छा नहीं बल्कि जमापूंजी की संजो कर रख लेने की भावना है। वो 12 बजे से 3 बजे का समय जिसमें मिलने की प्रतिक्षा से आपके आर्शीवाद लेकर निकलने का एक-एक पल अवर्णनीय है।
8 नवम्बर इतिहास किसी भी रूप में याद रखे लेकिन मेरे लिए आपकी वजह से अविस्मरणीय रहेगा।
आपका आशीर्वाद 'निश्चिंत होकर जाओ सब अच्छा ही होगा' मेरे आगामी जीवन के लिए पाथेय है।
पूरा विश्वास है फिर जरुर मिलूँगी जब आप दद्दा जी के साथ होंगे क्योंकि तब मेरे भाव आप सहजता से समझ पाएंगे क्योंकि ठीक वही भाव मेरे मन में आपके लिए होंगे जो आपके मन मे दद्दा जी के लिए।
आपको जन्मदिन की शुभकामनाएँ
सखा भाव लिये अकूट श्रद्धा के साथ💐🎂😊🙏🏼
Samkit, प्रीति, Tanmay, Jayti, Jainam की ओर से
प्रीति सुराना
बहुत सुन्दर
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ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (11-11-2019) को "दोनों पक्षों को मिला, उनका अब अधिकार" (चर्चा अंक 3516) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं….
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रवीन्द्र सिंह यादव
ऐसी पूंजी शेयर करने की होती भी नहीं। सुंदर।
ReplyDeleteकुछ पंक्तियां आपकी नज़र 👉👉 ख़ाका