Wednesday, 23 October 2019

चश्मे का नम्बर

चश्मे का नम्बर

कुछ ठोकरें
हमनें जीवन में
इसलिए भी खाई
क्योंकि
नज़र के चश्मे का नम्बर
तो बदलते रहे
लेकिन
बदलते दौर में
लोगों को परखने के लिए
न अपनी सोच बदल पाए
न नज़रिया
आँसुओं से धुली आँखों से
हमेशा सब साफ ही लगे,....!

प्रीति सुराना

नागपुर विथ पापा

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