चाँद के पार चलो,..!
आज जब चंद्रयान पहुँचा
अपनी तय परिधि के पास तक
दिल ने चाहा
तुम्हारा हाथ थामकर
गाना
"चलो दिलदार चलो चंद के पार चलो"
पर ये मुमकिन कहाँ
कि
हर ख्वाब पूरा ही हो
खैर
तुम हो,
सपने हैं,
कल्पनाएं है,
जिंदगी है,...!
सुनो!
आज भी जिंदा है हसरतें,
चलेंगे एक दिन चाँद पर
कल्पनाओं के जीवंत पलों में,..!
चलोगे न साथ??
प्रीति सुराना
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