नीम का पेड़
जिंदगी का
सबसे खास रिश्ता होता है
दोस्ती
आज एक सवाल
उन्ही कुछ खास दोस्तों से
आभासी दुनिया हो या वास्तविक
दोस्ती में होता है
शुद्ध प्रेम
क्या उसी प्रेम की खातिर
मेरी अनुपस्थिति को
महसूस करते हुए
आपकी आंखों में भी होंगे
दो बूंद नमी के
मेरे बाद भी मुझे याद रखने के लिए,..!
जानती हूँ
मेरा मन रखने के लिए ही सही
पर जवाब होगा
हाँ,....!
तो सुनो
मेरी उस रिक्तता में जरूर बोना
उसी नमी में
एक नीम का पेड़
जिसके फल कड़वे जरूर होंगे
पर सृष्टि के शिल्पकार ने
उसे वरदान दिया है जीवनवायु का
दुनिया को सजाने में माहिर
उस शिल्पकार को नमन
और यही अंतिम निशां होगा
मेरी दोस्ती और मेरी जिंदगी का भी,...!
प्रीति सुराना
अपनी स्मृति में नीम का पेड़ रखने की अपेक्षा में अनगिन शुभेच्छाएं छिपी अपनों के लिए...
ReplyDeleteसाधुवाद!