नारी सर्जक है, रंग है, उमंग है,
सृष्टि का अभिन्न अंग है,
सार्थकता तभी है जब पुरुष
और आधी आबादी (नारी) संग है।
प्रीति सुराना
copyrights protected
नारी सर्जक है, रंग है, उमंग है,
सृष्टि का अभिन्न अंग है,
सार्थकता तभी है जब पुरुष
और आधी आबादी (नारी) संग है।
प्रीति सुराना
0 comments:
Post a Comment