Tuesday 21 August 2018

अनुरोध

रे मन मुझको दे ऐसा कोई प्रतिबोध
हो जाए मेरी आत्मा को भी शक्तिबोध

हो जाने अनजाने मुझसे कोई भूल
मेरा आचरण करे भूलों का अवरोध

और सदा सत्य का हो जीवन में अनुसरण
सत्य की औषधि से हो पापों का प्रतिरोध

राष्ट्र जागरण धर्म हमारा रख ये याद
मन में न रहे अब तो कोई भी प्रतिशोध

देशभक्ति लहू में ही घुलमिल जाए 'प्रीत'
मन तुझसे मेरा है एक यही अनुरोध,...प्रीति सुराना

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