होने दो,...
पीर बहुत है रोने दो
जो होता है होने दो
पाकर खुश होने से क्या
जो खोना है खोने दो
आँखों में कुछ चुभता है
अब आँसू से धोने दो
दामन वो तारों वाला
मुझको आज भिगोने दो
दुनिया भर की कसमों को
बोझ सरीखा ढोने दो
दिनकर मुझको चुभता है
दीपक रोशन होने दो
मौत अभी आ जाओ तुम
राहत से अब सोने दो
डॉ. प्रीति सुराना
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