Wednesday 20 June 2018

क्या कहूँ

सुनो!

तुम हो
तो मुझमें समाहित है
सबकुछ
तुम बिन
कुछ शेष नहीं मुझमें,..

मैं
निःशक्त हूँ
कमजोर हूँ
बलहीन हूँ
क्षमताहीन हूँ
सामर्थ्यहीन हूँ
तुम्हारे बिना,...

अब तुम ही बता दो
मैं तुम्हें क्या कहूँ
सामर्थ्य कहूँ?
बल कहूँ?
शक्ति कहूँ?
ताकत कहूँ?
क्षमता कहूँ?,..

या कह दूँ

"सिर्फ मेरे तुम"

प्रीति सुराना

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