मैं सिर्फ एक देह नहीं हूं,
देह के भीतर एक मन भी है
जिसमें टीसते हैं वो ज़ख्म
जो किसी को दिखाए नही जाते,..
प्रीति सुराना
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मैं सिर्फ एक देह नहीं हूं,
देह के भीतर एक मन भी है
जिसमें टीसते हैं वो ज़ख्म
जो किसी को दिखाए नही जाते,..
प्रीति सुराना
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