Friday, 24 November 2017

*असमंजस*

मुश्किल है तुम बिन रहना,
उससे भी मुश्किल है कहना,
*असमंजस* में पल-पल बीते,
और दर्द जुदाई का है सहना।

प्रीति सुराना

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