हाँ!
मैं बनाना चाहती हूं
एक खाली कैनवास में
अपने ख्वाबों का एक *रेखाचित्र*
इस यकीन के साथ
कि भर दोगे तुम
यथार्थ के वो रंग
जो बदल देगी मेरे सपनों को
एक साकार *छवि* में,..
और वादा
उसी पल मैं जुट जाऊंगी
उस *तस्वीर* को
जीवंत करने के लिये
हर संभव कोशिश में,...
सुनो!
तुम बनोगे न
मेरे लिये रंगकर्मी भी
जो रंगेगा उन सपनों को
जिनका हिस्सा वो खुद हो,...
प्रीति सुराना
10/11/2017
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