अब सांसे नहीं लगती जीने के लिए जरूरी,
दिल का धड़कना भी नहीं करता जिंदगी पूरी,
कैसे कहूँ,क्या क्या कहूँ, किससे कहूँ ये बता
जो तू नहीं साथ तो सांसें, धड़कनें, सपनें जिंदगी सब अधूरी,....
प्रीति सुराना
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अब सांसे नहीं लगती जीने के लिए जरूरी,
दिल का धड़कना भी नहीं करता जिंदगी पूरी,
कैसे कहूँ,क्या क्या कहूँ, किससे कहूँ ये बता
जो तू नहीं साथ तो सांसें, धड़कनें, सपनें जिंदगी सब अधूरी,....
प्रीति सुराना
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