सुनो!
तुमसे प्यार किया है
बिल्कुल सच्चा
संपूर्ण समर्पण के साथ
बिना किसी शर्त के
पर ये नही कहूंगी
कि
स्वार्थी नहीं हूं मैं
क्योंकि
है एक स्वार्थ
तुमसे प्यार करने में
वो है पूर्णता के अहसास का
और ये विश्वास
तुम्ही ने तो जगाया है
मैं अब अधूरी नही हूं
तुम्हें पाकर,..
प्रीति सुराना
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