सुनो!
मत रोकना
अपनी धड़कनों की रफ़्तार
जब मैं मिलूं तुमसे,
कभी
एक ख्वाब देखा था
तब सुनी थी
मैंने धड़कनें तुम्हारी
प्रीति सुराना
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सुनो!
मत रोकना
अपनी धड़कनों की रफ़्तार
जब मैं मिलूं तुमसे,
कभी
एक ख्वाब देखा था
तब सुनी थी
मैंने धड़कनें तुम्हारी
प्रीति सुराना
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