तुम्हें पा लिया साथी
यही है खास जीवन में
तुम्हें बसा लिया मैंने
अंतस के आंगन में
मिले हो तुम नसीबों से
मेरे कर्मों का फल बनकर
आखरी सांस तक हो साथ
यही विश्वास है मन में,.... प्रीति सुराना
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तुम्हें पा लिया साथी
यही है खास जीवन में
तुम्हें बसा लिया मैंने
अंतस के आंगन में
मिले हो तुम नसीबों से
मेरे कर्मों का फल बनकर
आखरी सांस तक हो साथ
यही विश्वास है मन में,.... प्रीति सुराना
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