कई कांटे चुभे पग में कभी डगर नही बदली,..
नज़रिये बदलते रहे चाहे लेकिन नज़र नही बदली,..
साथ चलकर किए पूरे समर्पण के बरस उन्नीस,..
सात फेरों वाली हमनें कोई कसम नही बदली,..।
प्रीति सुराना
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कई कांटे चुभे पग में कभी डगर नही बदली,..
नज़रिये बदलते रहे चाहे लेकिन नज़र नही बदली,..
साथ चलकर किए पूरे समर्पण के बरस उन्नीस,..
सात फेरों वाली हमनें कोई कसम नही बदली,..।
प्रीति सुराना
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