आज खिला है एक पीला फूल
मेरे घर के आंगन में,
तेरे क़दमों की आहट से जगे हैं
सतरंगी सपने मन में,
सुनहरा मौसम महकी सी फिज़ा
और बहकी सी है धड़कन,
ये बसंत आया या फिर संकेत है
तेरे आने का मेरे जीवन में,... प्रीति सुराना
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आज खिला है एक पीला फूल
मेरे घर के आंगन में,
तेरे क़दमों की आहट से जगे हैं
सतरंगी सपने मन में,
सुनहरा मौसम महकी सी फिज़ा
और बहकी सी है धड़कन,
ये बसंत आया या फिर संकेत है
तेरे आने का मेरे जीवन में,... प्रीति सुराना
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 02-02-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2588 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
Nice
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