Thursday, 25 August 2016

मोहलत

सुनो!
नहीं हूं खुश मैं
क्यूंकि
मुझे तुम
सिर्फ फुरसत में
याद करते हो,..
इंतज़ार है मुझे
उस लम्हे का
जब तुम अपने काम से
मोहलत मांगो
मुझको याद करने की,.. प्रीति सुराना

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