Sunday, 15 May 2016

जरा साथ डूबो

किसे बोलती हाल जी का यहां मैं
रही गैर ही तो सभी से यहां मैं
अकेले अकेले सही पीर सारी
यहां कौन है जो सुनेगा हमारी,..

जरूरी नही है मुलाकात होगी   
मिले भी कहीं तो कभी बात होगी
मुझे साथ दे दो सहारा नही दो
जरा साथ डूबो किनारा नहीं दो,...

जमाना बताना चाहता नहीं है
रुकेगा कहां या चलेगा कहां से
जरा देख लो आज हैं वो कहां पे
जहां लोग होते खुदी के न खुदा के,..

प्रीति सुराना

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