Saturday 30 April 2016

कवि महाकुम्भ उज्जैन 5 मई 2016

जीवन में साहित्य का आदित्य उदय में आया है ,
हम जैसे सोते लोगों को फ़र्ज़ याद दिलाया है,
उठो देश के कलमकारों लिख डालो एक युग नया ,
देशहित में कुछ करने का अनुपम अवसर आया है।

नारी को बेचारी कह अब तक जिस जिस ने बुलाया है,
अब मान लो दुनिया को केवल नारी ने नहीं बनाया है,
नर नारी का भेद भूलकर अब सबको आगे आना है,
मानव विमर्श पर बात हो यह स्वर्णिम अवसर आया है।

भ्रष्टाचार की बातें केवल करने से नहीं सुलझते मसले,
बीज बहुत पहले रोपा था अब तो काट रहे हैं फसलें,
जड़ से अगर मिटाना है तो व्यापक अपनी सोच रखो,
गली गली में मत चिल्लाओ घर घर अलख जगाना है।

कमजोर नहीं कलम के पुजारी दुनिया को हमें बताना है,
कहने से काम नहीं होंगे अब करके भी हमें दिखाना है,
जन जागरण की मुहीम राष्ट्र भर में हो प्रचारित,
अपनी बातें कह चुकी मैं,अब समझना और समझाना है। ,..प्रीति सुराना

1 comment:

  1. सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!

    बहुत सुन्दर प्रेरक प्रस्तुति

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