चलते-चलते मुश्किल राहों में पांव का दर्द बढ़ गया,
कुछ पथरीली राहें आई तो पांव में छाला पड़ गया,
अपने दर्द संभालूं या इन छालों की परवाह करुं
तकलीफें तो बढ़ी पर मेरा हौसला हालातों से लड़ गया,..... प्रीति सुराना
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चलते-चलते मुश्किल राहों में पांव का दर्द बढ़ गया,
कुछ पथरीली राहें आई तो पांव में छाला पड़ गया,
अपने दर्द संभालूं या इन छालों की परवाह करुं
तकलीफें तो बढ़ी पर मेरा हौसला हालातों से लड़ गया,..... प्रीति सुराना
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