हंस लेती हूं
पल ढूंढकर मशरूफ जिंदगी में
क्योंकि जानती हूं
मेरी हंसी से
मेरे अपनों को
हंसने का सबब मिलता है
वरना
आज की जीवनशैली
कहां देती है मौके सुकून के,..
भागमभाग के ज़माने में
ठहर जाती कुछपल
मुस्कुराते हुए
उन अपनों के लिए जो पीछे छूट जाते हैं
और
उनके लिए भी
जो मुझसे आगे निकल कर
खुश होना चाहते हैं अपनी जिंदगी में,..
जानते हैं क्यूं
क्यूंकि चाहती हूं
मेरी दुनिया में सब सिर्फ खुश हों,...प्रीति सुराना
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