Monday 7 December 2015

लड़ना मुश्किल है जज़्बातों से,..

मैं सोई ही नहीं कई रातों से,
मन भरता ही नहीं तेरी बातों से,
मिलके बिछड़ना है दर्द बड़ा,
लड़ना मुश्किल है जज़्बातों से,.. प्रीति सुराना

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