Monday 28 December 2015

सजल

अनु के लिए,...☺💐

सुनो!!
मिलते ही तुम जब मिली थी गले
मुझे अपना बना लिया था उसी पल,..
पर
हंसते-बतियाते
गुनगुनाते-गाते
बहुत ही जल्दी बीत गए वो सुनहरे पल,..
सच!!
विदा होते हुए जब मिलीं तुम गले,
आंखे हुई थी सजल,..
फिर मिलने की चाह लिए
देखा तुम्हे जाते हुए,..
उस पल तक
जब तक तुम हुई
मेरी नज़रों से ओझल.... प्रीति सुराना

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