खुद को
क्यूं तलाश रहे हो
यहां-वहां,...
इतना आसान तो है
मेरी जिंदगी में
तुम्हे ढूंढना,..
सुनो!!!
कभी मेरे लफ्ज़ों
ग़ौर करना,..
मेरी रूह से
एहसास
लफ्ज़ बनकर उतरते हैं,..
और
'तुम'
मेरी रूह में बसते हो,...प्रीति सुराना
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