ख़ुशी गम और संघर्ष तो हर जिंदगी सहती है,.
भावनाओं की हवाएं तो फ़िज़ाओं में बहती है,.
पर शायरी यूं ही नहीं बनती न गज़ल न गीत बनते हैं,.
दिल पे हो कोई गहरा असर तभी कलम कुछ कहती है,..प्रीति सुराना
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ख़ुशी गम और संघर्ष तो हर जिंदगी सहती है,.
भावनाओं की हवाएं तो फ़िज़ाओं में बहती है,.
पर शायरी यूं ही नहीं बनती न गज़ल न गीत बनते हैं,.
दिल पे हो कोई गहरा असर तभी कलम कुछ कहती है,..प्रीति सुराना
कलम का कहना जरुरी है ......
ReplyDeleteSahi kaha
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