और
सुनती रही
खटखटाने की आवाज़ें
मुस्कुराती रही
खिड़की से झांक कर
आसपास मंडराते लोगों को देखकर,..
और
सोचती रही
ये सारे लोग कहाँ थे ???
तब
जब मैंने दरवाजे पर
"दर्द" लिख रखा था,....
सच है
"सुख के सब साथी,..
दुःख में न कोय",..
tongue emoticon
प्रीति सुराना
वाह वाह लाजवाब
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