Friday 31 July 2015

मैं हार जाती हूं

रुठ जाती हूं तुझसे 

मैं तुझी को मनाने के लिए,..

दूर जाती हूं तुझसे

जराऔर पास आने के लिए,..


तुझे क्या लगता है 
मुझे जीतना नही आता,..???
मैं हार जाती हूं अकसर 
तुझी को जीत जाने के लिए,...प्रीति सुराना

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