Sunday, 19 April 2015

उमस


मैंने 
ख़ामोशी ओढ़ ली है,.,
क्यूंकि
सर्द हो रहे थे 
रिश्तों में एहसास,...
पर
अब अंदर 
संताप पसीज रहे है,...
और
बाहर महसूस हो रही है
उमस सी.....प्रीति सुराना

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