Friday, 13 March 2015

ज़िन्दगी को बेस्वाद बनाने की राह तो नहीं,...????,

दूसरों के ज़ख्मों पर
मुट्ठी भर भर
नमक डालने वालों,..
काश !
कभी सोचा होता,... 
स्वाद की जान को 
यूं बेवजह ज़ाया करना,..
कहीं एक रोज़ ज़िन्दगी को 
बेस्वाद बनाने की राह तो नहीं,...????,.... प्रीति सुराना 

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