Sunday 25 May 2014

हिचकियां


सुनो
हिचकियां एहसास दिलाती हैं
तुमने याद किया है,...

पर 
मैं जानकर भी अनजान रहती हूं,..
जानते हो किसलिये???

क्यूंकि
मैं 
सुनना चाहती हूं,...

महसूस करना चाहती हूं,
तुम्हारी भावनाओं को,.
तुम्हारे प्यार को,.

जो आखों से झलकता तो है,.
पर
होठों तक नही आता,...

मुझे भरोसा है
एक दिन तुम कह ही दोगे
"तुम्हे मुझसे प्यार है"

कहोगे ना,..????

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